
परिचय:
आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना हर करदाता के लिए अनिवार्य है, जिसकी आय सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक हो। वित्त वर्ष 2025-26 (आकलन वर्ष 2026-27) में नई आयकर स्लैब और नियम लागू हुए हैं। यह गाइड बताएगा कि ITR फाइल करना किनके लिए अनिवार्य है, नई आय सीमा क्या है, और ITR फाइल करने की प्रक्रिया क्या है।
ITR फाइलिंग के लिए पात्रता (Eligibility for ITR Filing)
1. वेतनभोगी व्यक्ति (Salaried Individuals):
- नई कर व्यवस्था (New Tax Regime):
- सालाना आय ₹12 लाख तक होने पर कोई कर नहीं।
- इससे अधिक होने पर नई स्लैब के अनुसार कर देना होगा।
- पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime):
- ₹2.5 लाख से अधिक की आय होने पर ITR फाइल करना अनिवार्य है।
2. स्वरोजगार पेशेवर और व्यवसायी (Self-Employed & Businessmen):
- सालाना आय ₹12 लाख तक होने पर कर मुक्त (नई व्यवस्था)।
- व्यवसाय और पेशेवरों को ITR-3 या ITR-4 फॉर्म का चयन करना चाहिए।
3. एनआरआई (NRIs – Non-Resident Indians):
- यदि भारत में आपकी आय ₹2.5 लाख से अधिक है, तो ITR फाइल करना जरूरी है।
4. कंपनियां और फर्म्स (Companies & Firms):
- हर पंजीकृत कंपनी और फर्म को ITR फाइल करना अनिवार्य है।
5. अन्य महत्वपूर्ण शर्तें (Special Cases):
- विदेश में संपत्ति या आय।
- बैंक में ₹1 करोड़ से अधिक जमा।
- क्रेडिट कार्ड पर ₹2 लाख से अधिक का विदेशी खर्च।
- म्यूचुअल फंड या शेयर में ₹10 लाख से अधिक का निवेश।
नई टैक्स स्लैब (वित्त वर्ष 2025-26 – नई कर व्यवस्था):
- ₹0 से ₹4 लाख – कोई कर नहीं (0%)
- ₹4 लाख से ₹8 लाख – 5% कर
- ₹8 लाख से ₹12 लाख – 10% कर
- ₹12 लाख से ₹16 लाख – 15% कर
- ₹16 लाख से ₹20 लाख – 20% कर
- ₹20 लाख से ₹24 लाख – 25% कर
- ₹24 लाख से अधिक – 30% कर
पुरानी टैक्स स्लैब (पुरानी कर व्यवस्था):
- ₹0 से ₹2.5 लाख – कोई कर नहीं (0%)
- ₹2.5 लाख से ₹5 लाख – 5% कर
- ₹5 लाख से ₹10 लाख – 20% कर
- ₹10 लाख से अधिक – 30% कर
ITR फाइल करने की प्रक्रिया (Step-by-Step Guide to File ITR)
स्टेप 1: जरूरी दस्तावेज़ तैयार करें (Prepare Necessary Documents)
- फॉर्म 16: वेतनभोगियों के लिए।
- बैंक स्टेटमेंट्स: सभी खातों का सारांश।
- निवेश प्रमाणपत्र: LIC, FD, म्यूचुअल फंड्स, PPF आदि।
- PAN और आधार कार्ड।
- किराया रसीदें (यदि लागू हो)।
स्टेप 2: ITR फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें (Login to Income Tax Portal)
- विजिट करें: Income Tax e-Filing Portal
- लॉगिन करें: PAN नंबर या आधार से।
स्टेप 3: सही ITR फॉर्म का चयन करें (Select Correct ITR Form)
- ITR-1 (सहज): वेतन, एक हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोतों से आय (₹50 लाख तक)।
- ITR-2: वेतन, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन से आय।
- ITR-3: व्यवसाय या पेशे से आय।
- ITR-4 (सुगम): छोटे व्यवसाय और फ्रीलांसर।
स्टेप 4: आय विवरण भरें (Fill Income Details)
- वेतन, हाउस प्रॉपर्टी, व्यवसाय आय और कैपिटल गेन की जानकारी।
- कटौतियां (धारा 80C, 80D आदि) की जानकारी।
स्टेप 5: फॉर्म जमा करें और सत्यापित करें (Submit & Verify)
- सभी विवरण जांच कर सबमिट करें।
- सत्यापन के तरीके: आधार OTP, डिजिटल सिग्नेचर, नेट बैंकिंग।
- सबमिट के बाद ITR-V (स्वीकृति फॉर्म) प्राप्त होगा।
स्टेप 6: ई-सत्यापन (E-Verification)
- ITR-V को डिजिटल रूप से सत्यापित करें या आयकर विभाग को पोस्ट करें।
- ई-सत्यापन करने पर प्रोसेसिंग जल्दी होती है।
ITR फाइल करने के फायदे (Benefits of Filing ITR)
- लोन अप्रूवल में मदद: होम लोन, पर्सनल लोन या बिजनेस लोन प्राप्त करने में सहूलियत।
- वीजा प्रोसेसिंग में सहायता: विदेश यात्रा के लिए आवश्यक।
- आय का प्रमाण: आपकी आर्थिक स्थिति को प्रमाणित करता है।
- पेनल्टी से बचाव: समय पर फाइल न करने पर पेनल्टी लग सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion):
ITR फाइल करना न केवल आपकी कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह आपके आर्थिक भविष्य को भी सुरक्षित करता है। सही जानकारी के साथ ITR फाइल करना आवश्यक है ताकि कोई गलती न हो। अधिक जानकारी और आसान लोन प्रोसेसिंग के लिए ComparEmi.in पर विजिट करें।
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