
परिचय:
अगर आपकी सालाना आय ₹12 लाख से कम है, तो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना आपके लिए आसान हो सकता है। लेकिन सही प्रक्रिया जानना और संभावित चार्जेस समझना जरूरी है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि ₹12 लाख से कम आय वालों को कौन सा ITR फॉर्म भरना चाहिए, कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं, और क्या-क्या चार्जेस लग सकते हैं।
ITR फाइल करना क्यों जरूरी है?
- बैंक लोन के लिए जरूरी: होम लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन के लिए ITR एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है।
- इनकम का प्रूफ: सरकारी और प्राइवेट कामों में इनकम प्रूफ के लिए ITR का इस्तेमाल किया जाता है।
- टैक्स सेविंग के लिए: यदि आप सही तरीके से ITR फाइल करते हैं, तो कई तरह की टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।
- पेनल्टी से बचाव: समय पर ITR न भरने पर आपको पेनल्टी लग सकती है।
₹12 लाख से कम आय पर कौन सा ITR फॉर्म भरना चाहिए?
1. वेतनभोगी (Salaried) व्यक्तियों के लिए:
- ITR-1 (सहज): यदि आपकी आय वेतन, एक हाउस प्रॉपर्टी और अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से है और कुल आय ₹50 लाख से कम है।
2. स्वरोजगार (Self-Employed) या फ्रीलांसर के लिए:
- ITR-4 (सुगम): यदि आप बिजनेस या फ्रीलांसिंग से कमाते हैं और आपकी सालाना आय ₹50 लाख से कम है।
ITR फाइल करने के लिए जरूरी दस्तावेज़
- PAN कार्ड और आधार कार्ड
- फॉर्म 16 (सिर्फ सैलरी वालों के लिए)
- बैंक स्टेटमेंट और पासबुक
- इन्वेस्टमेंट प्रूफ (LIC, PPF, FD, म्यूचुअल फंड्स, आदि)
- घर का लोन या किराए की रसीद (अगर लागू हो)
- GST नंबर (स्वरोजगार वालों के लिए, यदि लागू हो)
ITR भरने की प्रक्रिया (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)
स्टेप 1: इनकम टैक्स पोर्टल पर जाएं
- Income Tax e-Filing Portal पर विजिट करें।
- अपने PAN नंबर और पासवर्ड से लॉगिन करें।
- अगर पहली बार हैं, तो रजिस्टर करें।
स्टेप 2: सही ITR फॉर्म चुनें
- सैलरी वालों के लिए ITR-1
- स्वरोजगार वालों के लिए ITR-4
स्टेप 3: अपनी इनकम और डिडक्शन भरें
- वेतन, बिजनेस आय, और अन्य स्रोतों से हुई कमाई दर्ज करें।
- धारा 80C (LIC, PPF, EPF), 80D (स्वास्थ्य बीमा) जैसी टैक्स बचत स्कीम्स की जानकारी दें।
स्टेप 4: टैक्स कैलकुलेट करें और वैरिफाई करें
- यदि आपके ऊपर टैक्स बनता है, तो पोर्टल पर कैलकुलेशन करें।
- TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) चेक करें।
स्टेप 5: टैक्स भुगतान करें (यदि लागू हो)
- यदि कोई टैक्स देय है, तो उसे नेट बैंकिंग या डेबिट कार्ड के जरिए जमा करें।
- चालान नंबर नोट करें।
स्टेप 6: ITR सबमिट करें और ई-वेरिफाई करें
- फॉर्म को सबमिट करें और आधार OTP, नेट बैंकिंग, या डीमैट अकाउंट के जरिए ई-वेरिफाई करें।
- ई-वेरिफिकेशन से ITR तुरंत प्रोसेस हो जाता है।
ITR फाइल करने पर लगने वाले चार्जेस
1. यदि आप खुद ITR फाइल करते हैं (फ्री में)
- सरकार का पोर्टल फ्री है, आप बिना किसी शुल्क के ITR भर सकते हैं।
2. यदि आप किसी CA या टैक्स कंसल्टेंट से फाइल कराते हैं
- बेसिक सैलरी वालों के लिए: ₹500 – ₹1,500
- स्वरोजगार या बिजनेस वालों के लिए: ₹2,000 – ₹5,000
- GST रजिस्टर्ड बिजनेस के लिए: ₹5,000+
3. यदि आप ITR देर से फाइल करते हैं (लेट फाइलिंग पेनल्टी)
- 31 जुलाई तक ITR फाइल करने पर कोई पेनल्टी नहीं।
- 31 दिसंबर तक फाइल करने पर ₹1,000 से ₹5,000 तक का फाइन।
- इसके बाद फाइल करने पर ₹10,000 तक का फाइन लग सकता है।
ITR फाइल करने के फायदे
✅ जल्दी लोन अप्रूवल – ITR भरने से होम लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन आसानी से मिल जाता है।
✅ टैक्स सेविंग का फायदा – आप सही टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
✅ पेनल्टी से बचाव – समय पर ITR फाइल करके जुर्माने से बचें।
✅ फाइनेंशियल प्लानिंग में मदद – आय और खर्चों का सही रिकॉर्ड बनाए रखें।
निष्कर्ष:
अगर आपकी सालाना आय ₹12 लाख से कम है, तो ITR फाइल करना आसान है और इसे खुद भी किया जा सकता है। नेट बैंकिंग, आधार OTP, और सरकारी पोर्टल के जरिए आप बिना किसी चार्ज के फाइल कर सकते हैं। अगर किसी CA से फाइल करवाते हैं, तो ₹500-₹5,000 तक का खर्च आ सकता है। सही समय पर ITR फाइल करें ताकि फाइनेंशियल प्लानिंग आसान हो और किसी भी तरह की पेनल्टी से बचा जा सके।
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